इंसान की सबसे बड़ी ताकत है उसका आशावादी होना। इंसान की सबसे बड़ी ताकत है उसका आशावादी होना।
अपनी ख्वाहिशों को समेटकर जिम्मेदारियों से निबाह करना अपनी ख्वाहिशों को समेटकर जिम्मेदारियों से निबाह करना
दोस्तों से मिलने की चाहत में आठ-दस दोस्तों को फोन मिला चुका था, पर सभी व्यस्त थे । दोस्तों से मिलने की चाहत में आठ-दस दोस्तों को फोन मिला चुका था, पर सभी व्यस्त थे...
शायद इसे ही ईश्वर की लीला कहते हैं। शायद इसे ही ईश्वर की लीला कहते हैं।
वह अंदर ही अंदर बुरी तरह टूट चुका था। मर्द था सो खुलकर रो भी नहीं सकता था वह अंदर ही अंदर बुरी तरह टूट चुका था। मर्द था सो खुलकर रो भी नहीं सकता था
न जमीन, न कोई जायदाद, न धन-दौलत कुछ भी तो नहीं था हां बस था तो एक कच्ची मिट्टी का ये घर जिसकी छतें ब... न जमीन, न कोई जायदाद, न धन-दौलत कुछ भी तो नहीं था हां बस था तो एक कच्ची मिट्टी क...